◼️गंगा दशहरा पर गंगा स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप भी धुल जाते हैंः श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज
रिपोर्ट :- अजय रावत
नई दिल्ली :- जगतपुरी स्थित राधा कृष्ण मंदिर में रविवार को गंगा दशहरा के उपलक्ष्य में अखंड रामायण पाठ, सत सम्मेलन व भंडारे का आयोजन किया गया। समारोह में बडी संख्या में संत व हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। समारोह के मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज रहे।
महाराजश्री ने कहा कि राजा भगीरथ के कठोर तपस्या करने से आज के दिन ही मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इसी कारण गंगा को भागीरथी भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में गंगा को मां का दर्जा दिया गया है। मां गंगा मोक्षदायिनी व पापनाशनी हैं। गंगाजल बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य और पूजा अनुष्ठान में गंगाजल का प्रयोग जरूर किया जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि गंगा स्नान करने से पाप, रोग, दोष और विपत्तियों से मुक्ति मिल जाती है। गंगा दशहरा के दिन पवित्र गंगा स्नान करने का महत्व और बढ़ जाता है। इस दिन गंगा स्नान से उन दस मुख्य पापों से मुक्ति मिल जाती है जो पुण्य प्राप्ति में बाधक होते हैं। इनमें दैहिक पाप, वाणी पाप और मानसिक पाप शामिल हैं। गंगा दशहरा के दिन स्नान व दान करने से जन्मों जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है और भविष्य खुशियों से भर जाता है। गंगा दशहरा के दिन मनुष्य जाने-अंजाने में किए गए 10 प्रकार के पापों से मुक्त हो जाता है। इन 10 पापों का हरण करने वाले मां गंगा के अवतरण दिवस को इसी कारण गंगा दशहरा कहा जाता है।
दिल्ली संत महामंडल के महामंत्री महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज, संगठन मंत्री महामंडलेवर स्वामी कंचन गिरि महाराज, कोषाध्यक्ष महंत धीरेंद्र पुरी महाराज आरटीओ, राजेश्वरी धाम शाहदरा के महंत स्वामी राजेश्वरानंद महाराज, स्वामी हरि दास महाराज, स्वामी भैया दास महाराज, स्वामी, श्याम दास, ब्रहमचारी अच्युतानंद महाराज, स्वामी रामदास महाराज, महंत गोविंद दास, महंत परमेश्वर दास महाराज, स्वामी वैद्य मुकेशानंद गिरी महाराज मकरेडा आदि भी मौजूद रहे। राधा कृष्ण मंदिर के महंत दीनबंधु दास महाराज ने महाराजश्री व सभी संतों का स्वागत व अभिनंदन किया।