◼️22 जून को हिंदी भवन में होगा "एक था गड़रिया" नाटक का मंचन
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गाजियाबाद :- उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के सहयोग से चल रही नाट्य कार्यशाला का समापन "एक था गड़रिया" नाटक के मंचन से होगा। कार्यशाला प्रमुख एवं नाटक के निर्देश अक्षयवरनाथ श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यशाला के दौरान अभिनय से रुचि रखने वाले युवा प्रतिभाओं को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ नाटक में अभिनय के लिए तैयार भी किया गया है। इस नाटक का मंचन थर्टीन स्कूल ऑफ टैलेंट डेवलपमेंट के सहयोग से 22 मई को हिंदी भवन में किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि एक माह तक चली कार्यशाला में महानगर के 25 से अधिक महिला और पुरुष कलाकारों ने प्रशिक्षण लिया। श्री श्रीवास्तव के अनुसार नाटक विजयदान देथा की दो कहानियों पर आधारित है। जिसका रूपांतरण और निर्देशन भी उन्होंने ही किया है। गौरतलब है कि इससे पूर्व श्री श्रीवास्तव "आजादी की दीवानी दुर्गा" नाटक के जरिए देश भर में ख्याति अर्जित कर चुके हैं। क्रांतिकारी दुर्गा भाभी के आजादी में योगदान पर आधारित इस नाटक का मंचन दिल्ली, ग़ाज़ियाबाद, देहरादून और पटना सहित देश के विभिन्न शहरों में हो चुका है।
श्री श्रीवास्तव के अनुसार "एक था गडरिया" विजयदान देता की दो कहानियों "मनुष्य का गडरिया", जिसमें धर्म के और ज्ञान के नाम पर होने वाले ढोंग पर कटाक्ष किया गया है और दूसरी कहानी "दुविधा" पर आधारित है। जिसमें ऐसी स्त्री की कथा है जिसे समाज, परिवार और ससुराल में प्रताड़ना ही मिलती है। नाटक में शिवम सिंघल, प्रवीण ढ़ल, अभिनव सचदेवा, अदित श्रीवास्तव, सिमरन मिश्रा, अदिति सोलोमन, आर्यन, कल्याणी, नीतू सिंह, ऋषभ सहगल, तनु पाल, मानसी आदि ने मुख्य भूमिका निभाई है। नाटक के गीत राष्ट्रीय नाटक विद्यालय में एक्टिंग के प्रोफेसर अजय कुमार ने लिखे हैं। जिन्हें संगीतबद्ध करने का काम राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के ही संगीतकार अनिल मिश्रा और राजेश पाठक ने किया है। रूप सज्जा वरिष्ठ मेकअप डायरेक्टर हरि सिंह खोलिया ने किया है।