रिपोर्ट :- अजय रावत 

गाज़ियाबाद :-ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद गाजियाबाद के प्रांगण में लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा संस्था के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव शिक्षाविद के नेतृत्व में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, मूर्धन्य विद्वान, महान लेखक, स्वतंत्रता सेनानी, कर्मयोगी पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म-दिन समारोह “लोकतंत्र बचाओ, समाजवाद लाओ दिवस” के रूप में उल्लासपूर्वक मनाया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ट समाजवादी नेता अजय रस्तोगी एडवोकेट ने, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने, सञ्चालन श्रमिक नेता अनिल मिश्र ने किया, शिक्षाविद लेखक कैलाश चन्द मुख्य अतिथि के रूप में शामिल रहे, कार्यक्रम में शामिल सभी विद्वानों, ज्ञानपीठ के सदस्यगणों ने पंडित जवाहर लाल नेहरू के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण कर श्रद्धांजलि अर्पित की, तथा वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला| राजेन्द्र सिंह ने भजन और हुकुम सिंह ने देश-प्रेम का गीत गाकर श्रोताओं को आत्मविभोर कर दिया| गगन-भेदी नारे से आकाश गूंज उठा।
      
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू आधुनिक भारत के निर्माता रहे, उन्होंने त्याग, तपस्या से अपना सर्वस्व अर्पण कर देश को आजाद करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, कठिन परिश्रम कर देश में चहुमुखी विकास की गंगा बहा दी, वह कहा करते थे कि आराम, हराम है, देश को आर्थिक विकास के मार्ग पर अग्रसर किया, उनका मानना था कि “समाजवाद महज एक आर्थिक सिद्धांत नहीं बल्कि जीवन दर्शन है, वे धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र समाजवाद को एक दूसरे का पूरक मानते हुए इसी दर्शन से प्रेरित रहे, उनका चिंतन मानवतावादी था, लेकिन मन में मनुस्मृति, मैदान में संविधान मानने वालों ने उनके चरित्र और चिंतन पर झूठा और बेबुनियादी मनगढ़ंत प्रहार किया, उनके विचार मानव जाति के विकास के लिए आज भी प्रासंगिक हैं| हमें समाज, देश में नफ़रत मिटाकर सद्भाव, भाईचारा, प्रेम, सहयोग की भावना पैदा करनी चाहिए।
            
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू विलक्षण प्रतिभा के धनी, मूर्धन्य लेखक, सफल राजनीतिज्ञ रहे, उनका भारत में ही नहीं विश्व में सम्मान था, वह वैज्ञानिक, समाजवाद और उदारवादी लोकतंत्र के हिमायती रहे|
           
अध्यक्षीय संबोधन में अजय रस्तोगी एडवोकेट ने कहा कि वह पाखंड, जातिवाद के विरोधी और हर धर्मों का सम्मान करते थे, नेहरू जी 9 साल जेल में रहे, उस समय का उन्होंने सदुपयोग किया, वह समाज और देश के बारे में सोचते रहे, उन्होंने डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया पुस्तक लिखी, जब भारत को आजादी मिली और पंडित जवाहर लाल नेहरू की दूरदृष्टि से देश में बड़ी इंडस्ट्री लगी, उस समय के उद्योगपतियों में श्रमिकों के प्रति करुणा और दया थी, उनके लिए आवास, उनके बच्चों के लिए शिक्षा और चिकित्सा उनके परिवार को मिले, व्यवस्था की थी, लेकिन आज श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है, हमें इस व्यवस्था को बदलना होगा, और देश के कमजोर वर्गों के साथ तभी न्याय होगा,जब वह और उनका परिवार मुख्य धारा में आयेगा।
            
कार्यक्रम में शामिल रहे राम दुलार यादव, अंकित रजक, राम जन्म यादव, लक्ष्मी नारायण सहगल, हरिकृष्ण, प्रेमचंद पटेल, दिलीप यादव, हरिशंकर यादव, सुभाष यादव, अखिलेश कुमार शुक्ल, विजय भाटी एडवोकेट, हुकुम सिंह, सत्यपाल जी, चुन्नी लाल चौरसिया, डा0 देवकर्ण चौहान, मोहम्मद रिजवान, सम्राट सिंह यादव, अवधेश यादव नेता, कृष्ण कुमार दीक्षित, शम्भू नाथ जायसवाल, अजय रस्तोगी, ओम प्रकाश अरोड़ा, ब्रह्म प्रकाश, फूलचंद पटेल, फौजुद्दीन, भक्ति यादव, चन्द्रबली मौर्य, अमृतलाल चौरसिया, राजेन्द्र सिंह, विजय मिश्र, विनोद त्रिपाठी, हरेन्द्र यादव, एम्0 आर0 खान, साहिल आदि।
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