रिपोर्ट :- अजय रावत


गाजियाबाद :-
       संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन विशवजीत प्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए आमजन को अवगत कराया है कि ऐसे निजी यान (दो पहिया/चार पहिया-गैर परिवहन यान) के स्वामी जिनके यान पंजीयन की तिथि से 15 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हों और ऐसे यान के पंजीयन का नवीनीकरण नहीं कराया गया है। ऐसे सभी वाहन स्वामियों को सूचित किया जाता है कि इस सार्वजनिक सूचना के प्रकाशन की तिथि से 30 दिनों के अन्तर्गत अपने यान के पंजीयन का नवीनीकरण निर्धारित प्रक्रियानुसार करायें। यदि यान का अस्तित्व समाप्त हो चुका है या स्थायी रूप से उपयोग के अयोग्य हो गया है। तो पंजीयन अधिकारी के यहाँ आवेदन प्रस्तुत कर अपने यान का पंजीयन का नियमानुसार निरस्तीकरण करा लें।स्पष्ट करना है कि यदि यान के पंजीयन की वैद्यता समाप्त हो गयी है तो केन्द्रीय मोटरयान नियमावली 1989 के नियम-52 के अन्तर्गत किये गये प्राविधान के अनुसार ऐसे यान को मोटरयान अधिनियम की धारा-39 के अन्तर्गत विधिक रूप से पंजीकृत नहीं माना जा सकता है और इनका सार्वजनिक स्थान पर संचालन विधिमान्य नहीं है। ऐसी दशा में यह मानने का पर्याप्त कराण है कि उक्त अधिनियम की धारा 53 की उप-धारा (1) के अन्तर्गत यान का सार्वजनिक स्थान पर संचालन जनता के लिए खतरा पैदा करेगा और यान, मोटरयान अधिनियम तथा तत्संबंधी नियमावलियों के प्राविधानों की अपेक्षओं को पूर्ण नहीं करता है। इस सार्वजनिक नोटिस के प्रकाशन की तिथि से 60 दिनों के अन्तर्गत उपरोक्तानुसार कार्यवाही संबंधित यान के स्वामी द्वारा नहीं करायी जाती है तो यह माना जायेगा कि संबंधित यान का स्वामी यान के आगे संचालन हेतु इच्छुक नहीं है और उक्त अधिनियम की धारा-5 की उप-धारा (1) के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पंजीयन को निलंबित करने पर विचार किया जायेगा। निलंबन यदि बिना किसी अवरोध के न्यूनतम 6 माह तक बना रहता है तो उक्त अधिनियम की धारा-54 के अन्तर्गत पंजीयन निरस्त कर दिया जायेगा। अतएव यदि उपरोक्त प्रकार के किसी यान का स्वामी उपरोक्त सार्वजनिक सूचना के संबंध में अपना प्रत्यावेदन, यदि प्रस्तुत करना चाहे तो इस सूचना की तिथि से 60 दिनों के अन्तर्गत पंजीयन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है। यदि उपरोक्त निर्धारित समयान्तर्गत कोई प्रत्यावेदन किसी यान के संबंध में प्राप्त नहीं होता है। तो नियमानुसार संबंधित यान-स्वामियों के यान के पंजीयन उपरोक्तानुसार निलंबित कर दिया जायेगा जिसका उत्तरदायित्व यान के स्वामी का होगा।
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