रिपोर्ट :- नासिर खान


लखनऊ :-
      उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी में मचे घमासान पर बसपा प्रमुख मायावती का बड़ा एक्शन देखने को मिला है । मायावती ने पार्टी के खिलाफ बागी हुए 7 विधायकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन विधायकों पर पार्टी के राज्य सभा उम्मीदवार के खिलाफ बगावत करने का आरोप है। जिसके चलते विधायक दल के नेता लालजी वर्मा ने इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मायावती को सौंपी है। 

इसको लेकर मायावती ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मायावती ने कहा कि हम किसी दूसरे दल से नहीं मिले हैं। हम पर लगे सभी आरोप गलत हैं। मायावती का समाजवादी पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया। मायावती ने कहा कि 1995 गेस्ट हाउस कांड का मुकदमा वापस लेना गलती थी, चुनाव प्रचार के बजाय अखिलेश यादव मुकदमा वापस कराने में लगे थे, 2003 में मुलायम ने बसपा तोड़ी उनकी बुरी गति हुई, अब अखिलेश ने यह काम किया है, उनकी बुरी गति होगी। मायावती ने कहा कि सपा में परिवार के अंदर लड़ाई थी, जिसकी वजह से गठबंधन कामयाब नहीं हुआ। सपा से गठबंधन का हमारा फैसला गलत था।

मायावती ने बागी विधायकों ने बारे में कहा कि सभी 7 विधायक निलंबित किए गए हैं। बागी विधायकों की सदस्यता रद्द की जाएगी। ये षड्यंत्र कामयाब नहीं होगा। एमएलसी के चुनाव में सपा को जवाब देंगे। मायावती ने कहा कि सपा को हराने के लिए  बसपा पूरी ताकत लगा देगी। विधायकों को बीजेपी समेत किसी भी विराेधी पार्टी के उम्मीदवार को वोट क्यों ना देना पड़ जाए।

इन 7 बागी विधायकों को किया बसपा से निलंबित
असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती) 
असलम अली (धोलाना-हापुड़)
मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद)
हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज) 
हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर)
सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर)
वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़)
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