रिपोर्ट :- अजय रावत
गाज़ियाबाद :- भगवान राम का जन्मोत्सव इस वर्ष 30 मार्च को मनाया जाएगा। चैत्र शुक्ल नवमी को प्रतिवर्ष भगवान श्री राम जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। त्रेता युग में इसी दिन भगवान राम का पृथ्वी पर अवतार हुआ था।
भगवान राम का जन्म मध्यान्ह काल अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। इस वर्ष राम नवमी पूजन मध्यान्ह 11:36 बजे से 12:24 बजे तक होगा। इस दिन प्रातः काल से ही सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। भगवान राम के जन्म के समय समय द्विस्वभाव लग्न मिथुन लग्न में भगवान राम का जन्म उत्सव मनाया जाएगा।
भगवान राम की पूजा करने की विधि
प्रातः काल प्राचीन जल्दी उठे ।नित्य क्रिया करने के बाद भगवान राम दरबार की स्थापना करें। राम दरबार में श्रीराम,माता सीता ,लक्ष्मण ,भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी के विग्रह होने चाहिए। प्रातःकाल भगवान जी को स्नान कराएं ।धूप दीप नैवेद्य निवेदन करें। दोपहर 12:00 मध्यान्ह काल में भगवान राम के बाल स्वरूप को पंचामृत से स्नान कराएं और झूला झुलाएं। कौशल्या मां का ध्यान करते हुए भगवान राम की स्तुति करें। इस प्रकार व्रत करने से अथवा पूजा करने से भगवान राम प्रसन्न होते हैं। रामनवमी के दिन रामरक्षा स्तोत्रम, हनुमान अष्टक, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, रामायण आदि का पाठ अवश्य करना चाहिए।
रामनवमी को महानवमी भी कहते हैं क्योंकि इस दिन माता के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री का पूजन होता है।
उसके पूजन के पश्चात भक्तगण कंजकों को भोजन कराके मां भगवती को विदा कर देते हैं।।
दुर्गा मां का प्रस्थान बृहस्पतिवार को होगा। बृहस्पति वार को मां मानव की सवारी करके जाती है । अर्थात
अपने भक्तों के कंधे पर सवार होकर मां प्रस्थान करेगी। मानव के कंधे पर जाने का मतलब है यह वर्ष सुख सौभाग्य से पूर्ण रहेगा और मां पूरे वर्ष अपने भक्तों का ध्यान रखेंगी।