सुशील कुमार शर्मा,स्वतंत्र पत्रकार 
 

गाजियाबाद :- स्थानीय डासना गेट के सुक्खी मल मौहल्ला निवासी रहे और अब मुंबई के सीनियर अभिनेताओं में शुमार प्रेम प्रकाश कुमार का प्रातः फोन पर मैसेज देखा कि अपने घर का पता भेजो, आता हूं। मैंने तत्काल उन्हें अपना पता भेजा और वह निश्चित समय पर मेरे सामने थे। लगभग 81 वर्षीय प्रेम प्रकाश कुमार  की दो हार्ट सर्जरी हो चुकी है। आजकल उनसे बात करने में  ऊंची आवाज में बोलना पड़ता है। मेरे निवास पर सीढ़ियों से  दो मंजिल चढ़ने के बाद जब उनकी श्वांस सामान्य हुई तो वह बहुत स्नेह से गले मिले। बोले मैं तुमसे बिना मिले मुंबई नहीं जाने वाला था। उनकी पांच बेटियां है। दो बेटियां मुंबई, एक बम्हैटा,एक वैशाली और एक दिल्ली गेट में है। दिल्ली गेट वाली बेटी ने भी बाई पास पर लैंड क्राफ्ट में मकान ले लिया है। वह एक दो दिन में ही शिफ्ट हो जायेगी। लगभग एक माह से वह गाजियाबाद अपनी बेटियों से मिलने आये थे। मुंबई जाने से पहले वह वैशाली में बेटी के यहां रहकर अपने कान के पर्दे का इलाज कराने जाने वाले थे अतः वहां जाने पहले वह मुझसे मिलना चाहते थे।उनके स्मर्णीय स्नेह से मैं और मेरे परिवार के सभी सदस्य अविभूत हो गये।   

                 
धाराप्रवाह  में वह पुरानी यादों को याद कर बताने लगे। डासना गेट बाजार में मेन रोड पर ही उनकी पुश्तैनी दुकान भी थी। अपने समय के बहुत से पुराने साथियों के बारे में बताते रहे। उनमें से अधिकांश के परिवारों से मैं भी परिचित था। जब वह मात्र 12-13 वर्ष के थे उन्होंने गाजियाबाद में स्टू़डेंट ड्रामेटिक क्लब से जुड़कर थियेटर की शुरुआत की । कालांतर में सर्विस के सिलसिले में जब उनका दिल्ली जाना हुआ तो वहां दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के ड्रामा एंड म्यूजिक ग्रुप में शामिल हो गए। फिर रेडियो आर्टिस्ट हाकर बने। उसके बाद वह अपने ननिहाल आगरा चले गए ‌। वहां उन्होंने ताज कल्चरल क्लब की स्थापना की । उन्होंने बताया कि हमने 1967 में आगरा कालेज में  बिहार रिलीफ़ फंड के लिए एक भव्य म्यूजिकल प्रोग्राम आयोजित किया था। जिसकी पूरे प्रदेश में सराहना हुई। फिर मुंबई आया तो उस समय के चर्चित धारावाहिक *कहां गये वो लोग* से एक अभिनेता और सहायक निर्देशक के तौर पर जुड़ गया।उस धारावाहिक के निर्माता उस समय के प्रसिद्ध अभिनेता *धीरज कुमार* थे। उन्होंने बताया कि उनसे ऐसा जुड़ना हुआ कि मैं तब से वर्तमान तक  उनसे जुड़ा हूं। उन्होंने बताया कि मेरा सबसे लम्बा अभिनय धीरज जी के धारावाहिक *संसार* में रहा जो वर्ष 1993 से 1997 तक  दूरदर्शन पर छाया रहा। धारावाहिक *जोधा अकबर* और *मेरे साईं* से भी उनका जुड़ाव रहा। प्रेम प्रकाश कुमार जी फिल्म डायरेक्टर एसोसिएशन व सिने एवं टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन के लाइफ मेम्बर हैं ।वह लम्बे समय तक डबिंग डायरेक्टर भी रहे हैं। उन्होंने बताया कि मैंने अनगिनत कामर्शियल एड, शार्ट फिल्म के साथ अनगिनत एक्ट किये हैं। सावधान इंडिया, क्राइम पेट्रोल व सीआईडी में भी अभिनय किया है।
पुराने अभिनेता चन्द्र शेखर, सत्येन कप्पू,गोगा कपूर ,अरूण बाली व हास्य कवि व हास्य अभिनेता शैल चतुर्वेदी उनके करीबी मित्रों में शुमार रहे हैं। गाजियाबाद निवासी सुरेंद्र पाल (महाभारत के द्रोणाचार्य) और फिल्मों में एक्स्ट्रा कलाकारों के सप्लायर नत्थू (जो दिल्ली गेट के निवासी हैं ) से मुलाकात होने पर गाजियाबाद स्टाइल की वार्ता सुनाकर भी उन्होंने दिखायी। वह बताते हैं जब मैं निरंतर व्यस्त रहा तब भी मैं यहां पत्नी और बच्चों से मिलने हवाई यात्रा से आता रहता था। यहां पक्की मोरी के सामने एक पुराना मकान खरीद कर बनवाया भी था। बच्चों की शादी हुई तो वह मकान बेच दिया था। सब बच्चे सुखी है। मैं अब भी जब समय मिलता है उनसे मिलने आता रहता हूं। कुछ दिन सभी बच्चों से मिलकर लौट जाता हूं। पत्नी रहीं नहीं। उन्हें कैंसर हो गया था। आखिरी समय में पता चला। उनके जाने के बाद से जब मन विचलित होता है तो बेटियों से मिलने आता रहता हूं।
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