रिपोर्ट :- विकास शर्मा

हरिद्वार :- आस्था की नगरी हरिद्वार में वशिष्ठ भवन धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद् बाल्मीकिय श्रीराम कथा का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा हुआ। बुधवार को प्रातः काल श्रद्धा और उत्साह से लबरेज हजारों की संख्या में महिलाओं ने ऋषिकुल के कश्यप घाट पहुंचकर गंगाजल कलश भरा और नंगे पांव रामनाम का कीर्तन करते प्रेमनगर आश्रम पहुंची। 

कलशयात्रा को देखने के लिए सड़कों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। कलश-यात्रा में कथा व्यास डॉ रामविलास दास वेदांती महाराज, अनंत श्री विभूषित जगद्गुरू शंकराचार्य दंडी स्वामी अनंतानंद सरस्वती महाराज,महामंडलेश्वर डॉ स्वामी संतोषानंद देव महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज, मानस पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्रीरामनंदाचार्य स्वामी रामलला चार्य महाराज सहित अन्य गणमान्य संतगण रथ पर सवार होकर शामिल हुए। रास्ते में समाजसेवी डॉ विशाल गर्ग ने फूल माला पहनाकर सभी गणमान्य संत महंतों का स्वागत किया। प्रेमनगर आश्रम पहुंचने पर डॉ राघवेश दास वेदांती महाराज के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार एवं पुर्ण विधि विधान से कलश स्थापित किया गया।           

कलश स्थापना अवसर पर रामविलास दास वेदांती महाराज ने कहा श्रीमद् बाल्मीकिय रामायण आदि काव्य है। भगवान ब्रह्मा के आशीर्वाद से महर्षि वाल्मीकि ने अपनी आंखों से देखकर रामायण की रचना की थी और उन्होंने भगवान राम के पुत्रों कुश और लव को शिक्षा दी। सर्वप्रथम कुश और लव ने ही भगवान राम के समक्ष संगीतमय श्रीराम कथा का गुणगान किया था। कालांतर में रामायण को पढ़ने के उपरांत अन्य ग्रंथों की रचना हुई। उन्होंने कहा आज भी वाल्मीकिय रामायण के विचार प्रासंगिक है और इसके माध्यम से जनचेतना का संचार कर रामराज्य वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं। 

डॉ वेदांती महाराज ने आयोजन के लिए वशिष्ठ भवन धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट के सदस्यों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर मुख्य संयोजक सुनील सिंह, सीए आशुतोष पांडेय, अमित गोयल, सहदेव शर्मा, जगदीश लाल पाहवा, वरूण शुक्ला, डॉ नमन अग्रवाल, वरूण कुमार सिंह, निर्मल ठाकुर, ज्ञानेंद्र सिंह, धनंजय सिंह, चंदन सिंह, मुरारी पांडेय, राघवेन्द्र शर्मा, बृजभूषण तिवारी आदि सहित सैकड़ो भक्तजन उपस्थित रहे।
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