रिपोर्ट :- वेदप्रकाश चौहान


देहरादून :- उत्तराखंड में पिछले 3-4 दिन से चल रहा सियासी ड्रामा बुधवार को खत्म हो गया। पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद और आरएसएस के प्रांत प्रचारक रहे तीरथ सिंह रावत ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। इससे पहले देहरादून में हुई पार्टी विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी। एक दिन पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ही मीटिंग में उनके नाम का प्रस्ताव रखा

जनता के विश्वास पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा : तीरथ
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मैं केंद्रीय नेतृत्व का धन्यवाद करना चाहूंगा, जिन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी है। मैं गांव से आया हुआ एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। मैंने इसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी। जनता के विश्वास पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। अब तक मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लिए जो काम किए हैं, उसे हम आगे बढ़ाएंगे।

कौन हैं तीरथ सिंह?
तीरथ सिंह रावत 9 फरवरी 2013 से 31 दिसंबर 2015 तक उत्तराखंड भाजपा के चीफ रहे हैं। इससे पहले चौबटखल विधानसभा से 2012 से 2017 तक विधायक रहे। वर्तमान में वह भाजपा के नेशनल सेक्रेटरी हैं। उनका जन्म 9 अप्रैल 1964 को पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था। इससे पहले वे उत्तर प्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। 1997 में यूपी से विधायक भी रह चुके है। वे उत्तराखंड के पहले शिक्षामंत्री रहे हैं। वर्तमान में वे पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद हैं।

तीरथ 1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारक भी रहे हैं। इसके अलावा वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री भी रहे। उन्होंने समाजशास्त्र में MA और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वे हेमवती नंदन गढ़वाल यूनिवर्सिटी में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे थे।
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